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ऐसे शुरू हुई श्मशान से लौटकर नहाने की प्रथा, आप भी जानें वजह

ऐसे शुरू हुई श्मशान से लौटकर नहाने की प्रथा, आप भी जानें वजह




सनातन परंपरा में जब भी किसी के अंतिम संस्कार में शामिल होकर घर आते हैं तो सबसे पहले स्नान किया जाता है। इसके बाद ही घर के अंदर प्रवेश दिया जाता है। लोगों में यह भ्रांति है कि यह सब केवल धार्मिक कर्म है, लेकिन नहीं इसके पीछे बहुत बड़ा विज्ञान भी छिपा है। जो आमतौर पर लोगों को पता नहीं होता है। ज्योतिषाचार्य सचिनदेव महाराज बता रहे हैं श्मशान से लौटकर नहाने के वैज्ञानिक एवं धार्मिक कारण। आईये जानते हैं...

यह है धार्मिक कारण

 श्मशान से आने के बाद नहाने का धार्मिक कारण यह है कि श्मशान एक ऐसी जगह होती है जहां बहुत सारी नकारात्मक शक्तियों का वास होता है। यह कमजोर दिल वाले व्यक्ति पर बहुत जल्द अपना कब्ज़ा कर लेती हैं। आपको बता दें पुरुषों की अपेक्षा महिलायें ज्यादा भावुक और मानसिक रूप से कमजोर होती हैं, इसलिए उन्हें श्मशान जाने की इजाजत नहीं होती है। ऐसा माना जाता है कि अंतिम क्रिया हो जाने के बाद भी मृतआत्मा का सूक्ष्म शरीर कुछ समय तक वहां मौजूद रहता है। जो किसी पर भी बुरे प्रभाव डालने की शक्ति रखती है। इसलिए घर में प्रवेश करने से पहले नहा लेना चाहिए, ताकि नकारात्मक ऊर्जा शरीर से बाहर निकल जाए।

यह कहता है विज्ञान 

अंतिम संस्कार के बाद नहाने करने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। अंतिम संस्कार से पहले ही शव काफी देर तक रखा रहता है, इस वजह से वह वातारण के सूक्ष्म और संक्रामक कीटाणुओं से संक्रमित हो जाता है। इसके अलावा मृत व्यक्ति का शव भी संक्रामक रोगों से ग्रसित हो जाता है। जो लोग वहां उपस्थित होते हैं, उन्हें भी संक्रमित होने का खतरा होता है। लेकिन जब भी व्यक्ति नहाता है तो, उसके संक्रमण के कीटाणु साफ हो जाते हैं। इसलिए पुरातन काल से ही ऋषियों ने अंतिम संस्कार के बाद नहाने की प्रथा आरंभ कर दी थी।
ऐसे शुरू हुई श्मशान से लौटकर नहाने की प्रथा, आप भी जानें वजह ऐसे शुरू हुई श्मशान से लौटकर नहाने की प्रथा, आप भी जानें वजह Reviewed by Lancers on March 07, 2017 Rating: 5
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