योजेश्वर दत्त ने ये कविता देश के उन जदारो के ऊपर कही है जो इस देश के तुक्कड़े करने की बात करते हैं |
उने कविता के माध्यम से ये साफ साफ बता दिया की तुम्हारी इतनी ओकात नही की तू इस देश के टुकड़े कर सको | उने ये कविता लिखे और वायरल की
कविता by योगेश्वर दत्त
गजनी का है तुमे खून भरा
जो तू अफजल के गुण गाते हो
जिस देश में तुमने जनम लिया
उसको दुश्मन बतलाते हो !
भाषा की केसी आजादी
जो तू भारत माता का अपमान करो
अभिव्येक्ति का यह केसा रूप
जो तुम देश की इज्जत नीलम करो
अफजल को अगर सहीद कहते हो
तो हनुमंथापा क्या कहलाएगा
कोई इनके रहनुमाओ का
मजहब मुझको बतलाएगा !
अपनी माँ से जंग करके
ये केसी दता पाओ गे
जिस देश के तुम जुड़ गाते हो
वहन बस काफिर कहलाओगे
हम तो अफजल मरेंगे
तुम बेशक फिर पैदा कर लेना
तू जेसे नपुन्सको पर
भरी पड़े जी ये भारत सेना
तुम ललकारो और हम न आएं
इसे बुरे हालत नही
भारत को बर्बाद करो
इतनी नही तुहारी ओकात नहीं !
कलम पकड़ने वालें हाथों को
बन्दूक उठाना न पड़ जाए
अफजल के लिये लड़ने वाले
कहीं हमारे हाथों न मर जाए!
भगत सिंह और आजाद
की इस देश में कमी नही
बस एक इन्कलाब होना चाहिए
देश को बर्बाद करने वाली हर आवाज दबनी चाहिए !
ये देश तुम्हारा है
ये देश तुहारा है
हम सब इसका सम्मान करें ,
जिस मिटटी पर है जन्म लिया
उसपर हम अभिमान करें !
जय हिन्द !
जय भारत !
ये line काफी है देश के दुश्मनों को सबक सिखाने के लिये |
click here to see video
उने कविता के माध्यम से ये साफ साफ बता दिया की तुम्हारी इतनी ओकात नही की तू इस देश के टुकड़े कर सको | उने ये कविता लिखे और वायरल की
कविता by योगेश्वर दत्त
गजनी का है तुमे खून भरा
जो तू अफजल के गुण गाते हो
जिस देश में तुमने जनम लिया
उसको दुश्मन बतलाते हो !
भाषा की केसी आजादी
जो तू भारत माता का अपमान करो
अभिव्येक्ति का यह केसा रूप
जो तुम देश की इज्जत नीलम करो
अफजल को अगर सहीद कहते हो
तो हनुमंथापा क्या कहलाएगा
कोई इनके रहनुमाओ का
मजहब मुझको बतलाएगा !
अपनी माँ से जंग करके
ये केसी दता पाओ गे
जिस देश के तुम जुड़ गाते हो
वहन बस काफिर कहलाओगे
हम तो अफजल मरेंगे
तुम बेशक फिर पैदा कर लेना
तू जेसे नपुन्सको पर
भरी पड़े जी ये भारत सेना
तुम ललकारो और हम न आएं
इसे बुरे हालत नही
भारत को बर्बाद करो
इतनी नही तुहारी ओकात नहीं !
कलम पकड़ने वालें हाथों को
बन्दूक उठाना न पड़ जाए
अफजल के लिये लड़ने वाले
कहीं हमारे हाथों न मर जाए!
भगत सिंह और आजाद
की इस देश में कमी नही
बस एक इन्कलाब होना चाहिए
देश को बर्बाद करने वाली हर आवाज दबनी चाहिए !
ये देश तुम्हारा है
ये देश तुहारा है
हम सब इसका सम्मान करें ,
जिस मिटटी पर है जन्म लिया
उसपर हम अभिमान करें !
जय हिन्द !
जय भारत !
ये line काफी है देश के दुश्मनों को सबक सिखाने के लिये |
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योगेश्वर दत्त की post की ये कविता ने देश के दुश्मनों को दिया है करार जवाब |
Reviewed by Lancers
on
March 02, 2017
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