एक बार एक किसान के गेहंू के खेत में एक चिड़िया ने घोंसला बना रखा था। उसमें उसने अंडे दिये। कुछ
समय बाद अंडांे में से बच्चे निकले। इस दौरान जब चिड़िया दाना लेकर लौटकर आती तो बच्चे बहुत खुश
होते और उसके द्वारा लाए गए दानों को खाते।
एक दिन चिड़िया जब दाना लेकर लौटी तो उसने देखा कि उसके बच्चे बहुत डरे हुए हैं। उसने बच्चों से पूछा ‘‘क्या बात है बच्चों ..? तुम सब इतने डरे हुए क्यों हो?’’
बच्चों ने बताया कि आज किसान आया था और वह कह रहा था कि फसल अब पक चुकी है, मैं कल अपने बेटों से फसल काटने के लिये कहूँगा। अगर उसने फसल काटी तो हमारा घोसला टूट जायेगा, फिर हम कहाँ रहेंगे..? ”
चिड़िया बोली “ फिक्र मत करो बच्चों, अभी खेत की फसल नहीं कटेगी।”
सच में अगले दिन कोई फसल काटने नहीं आया और चिड़िया के बच्चे बेफिक्र हो गए। लेकिन कुछ दिनों बाद चिड़िया को बच्चे फिर से डरे हुए मिले। चिड़िया के पूछने पर बच्चों ने बताया “ किसान आज भी आया था , और कह रहा था कि बेटे नहीं आये तो क्या हुआ? कल फसल काटने के लिए मजदूरों को भेजूंगा।”
इस बार भी चिड़िया ने बच्चों से कहा “ डरने की जरुरत नहीं हैं, फसल कल भी नहीं कटेगी।”
ऐसे ही कुछ दिन और बीत गए। कोई फसल काटने के लिए नहीं आया।
कुछ दिन बाद एक दिन बच्चे फिर से डरे हुए थे। और उन्होंने चिड़िया को बताया कि “ आज किसान फिर से आया था और कह रहा था कि दूसरों के भरोसे रहकर मैंने फसल काटने में बहुत देर कर दी है। मैं कल खुद ही फसल को काटने आऊँगा।
यह सुनकर चिड़िया बच्चों से बोली “ अब हमें यह जगह छोड़कर कोई सुरक्षित जगह चले जाना चाहिए। क्योंकि कल खेत की फसल जरुर कटेगी। ”
वह तुरंत बच्चों को लेकर एक दूसरे घोसले में आ गई। जिसे उसने कई दिनों से कड़ी मेहनत कर के बनाया था।
अगले दिन चिड़िया और उसके बच्चो ने देखा कि किसान ने फसल काटनी शुरू कर दी है।
बच्चों ने बड़ी हैरानी से चिड़िया से पूछा “ माँ , तुमने कैसे जाना कि कल खेत की फसल कट ही जाएगी?”
चिड़िया ने बच्चो को बताया कि “जब तक इंसान किसी कार्य के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है, वह कार्य पूरा नहीं होता है। लेकिन जब इंसान उस कार्य को खुद करने की ठान लेता है तो वो कार्य जरुर पूरा होता है। किसान जब तक दूसरों पर निर्भर था तब तक उसकी फसल नहीं कटी। लेकिन जब उसने खुद फसल काटने का फैसला किया तो उसकी फसल कट गयी।
समय बाद अंडांे में से बच्चे निकले। इस दौरान जब चिड़िया दाना लेकर लौटकर आती तो बच्चे बहुत खुश
होते और उसके द्वारा लाए गए दानों को खाते।
एक दिन चिड़िया जब दाना लेकर लौटी तो उसने देखा कि उसके बच्चे बहुत डरे हुए हैं। उसने बच्चों से पूछा ‘‘क्या बात है बच्चों ..? तुम सब इतने डरे हुए क्यों हो?’’
बच्चों ने बताया कि आज किसान आया था और वह कह रहा था कि फसल अब पक चुकी है, मैं कल अपने बेटों से फसल काटने के लिये कहूँगा। अगर उसने फसल काटी तो हमारा घोसला टूट जायेगा, फिर हम कहाँ रहेंगे..? ”
चिड़िया बोली “ फिक्र मत करो बच्चों, अभी खेत की फसल नहीं कटेगी।”
सच में अगले दिन कोई फसल काटने नहीं आया और चिड़िया के बच्चे बेफिक्र हो गए। लेकिन कुछ दिनों बाद चिड़िया को बच्चे फिर से डरे हुए मिले। चिड़िया के पूछने पर बच्चों ने बताया “ किसान आज भी आया था , और कह रहा था कि बेटे नहीं आये तो क्या हुआ? कल फसल काटने के लिए मजदूरों को भेजूंगा।”
इस बार भी चिड़िया ने बच्चों से कहा “ डरने की जरुरत नहीं हैं, फसल कल भी नहीं कटेगी।”
ऐसे ही कुछ दिन और बीत गए। कोई फसल काटने के लिए नहीं आया।
कुछ दिन बाद एक दिन बच्चे फिर से डरे हुए थे। और उन्होंने चिड़िया को बताया कि “ आज किसान फिर से आया था और कह रहा था कि दूसरों के भरोसे रहकर मैंने फसल काटने में बहुत देर कर दी है। मैं कल खुद ही फसल को काटने आऊँगा।
यह सुनकर चिड़िया बच्चों से बोली “ अब हमें यह जगह छोड़कर कोई सुरक्षित जगह चले जाना चाहिए। क्योंकि कल खेत की फसल जरुर कटेगी। ”
वह तुरंत बच्चों को लेकर एक दूसरे घोसले में आ गई। जिसे उसने कई दिनों से कड़ी मेहनत कर के बनाया था।
अगले दिन चिड़िया और उसके बच्चो ने देखा कि किसान ने फसल काटनी शुरू कर दी है।
बच्चों ने बड़ी हैरानी से चिड़िया से पूछा “ माँ , तुमने कैसे जाना कि कल खेत की फसल कट ही जाएगी?”
चिड़िया ने बच्चो को बताया कि “जब तक इंसान किसी कार्य के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है, वह कार्य पूरा नहीं होता है। लेकिन जब इंसान उस कार्य को खुद करने की ठान लेता है तो वो कार्य जरुर पूरा होता है। किसान जब तक दूसरों पर निर्भर था तब तक उसकी फसल नहीं कटी। लेकिन जब उसने खुद फसल काटने का फैसला किया तो उसकी फसल कट गयी।
दोस्तों, हमारे साथ भी यही होता है। जब तक हम किसी भी काम के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं तो उस काम के होने की सम्भावना बहुत कम होती हैं। और अगर वो काम हो भी गया तो उस तरह से नहीं हो पाता जैसे हम चाहते थे। लेकिन अगर वही काम हम खुद करें तो काम समय पर भी और जैसा हम चाहते हैं वैसा ही होगा।
दूसरों के भरोसे न रहें,खुद करें अपना काम
Reviewed by Lancers
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May 23, 2018
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