
एक व्यक्ति ने एक महात्मा से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या है? इस पर महात्मा ने उस व्यक्ति से कहा कि तुम मुझे कल सुबह नदी के पास मिलो, वहीं तुम्हारे सवाल का जवाब मिलेगा। अगले दिन व्यक्ति समय पर नदी किनारे पहुंच गया। महात्मा वहां पहले ही मौजूद थे। महात्मा ने उस व्यक्ति से नदी कि गहराई मापने को कहा। वह व्यक्ति नदी में उतर आगे कि तरफ बढऩे लगा। जैसे ही पानी उस व्यक्ति कि तरफ पहुंचा, पीछे से महात्मा ने अचानक उसका मुंह पानी में डुबो दिया। वह व्यक्ति बाहर निकलने के लिए छटपटाने लगा लेकिन महात्मा ने उसे पानी में डुबोए रखा। कुछ समय बाद महात्मा ने उसे छोड़ दिया उस व्यक्ति ने तुरंत मुंह से जल्दी सांस ली। तभी महात्मा ने उससे पूछा कि जब तुम पानी में थे तो तुम क्या चाहते थे? उस व्यक्ति ने कहा कि मैं जल्दी से बाहर निकलकर सांस लेना चाहता था। इस पर महात्मा ने कहा कि यही तुम्हारे प्रश्न का उत्तर है। जब तुम सफलता को उतनी ही तीव्र इच्छा से चाहोगे जितना तुम सांस लेना चाहते थे तो तुम सफलता निश्चित रुप से मिल जाएगी।