सफल व्यक्ति की सफलता का रहस्य है स्वयं पर नियंत्रण। वह अपने आप पर अपना नियंत्रण रखता है, इसके साथ ही वह किसी नियत उद्देश्य को पूरा करने के लिए लगा रहता है। जो व्यक्ति आत्म-संयमी होता है, वह सब कुछ कर सकता है। उसमें अपने आप ईश्वरी शक्ति आ जाती है। बिना आत्म-संयम के कोई भी व्यक्ति दृढ़-चरित्र का निर्माण, सफलता की प्राप्ति और उन्नति की ओर अग्रसर नहीं हो सकता है। अगर आप सफल व्यक्ति की सफलता का रहस्य प्राप्त करना चाहते हैं, तो अपने स्वभाव को सर्वप्रथम योग्य बनाइए। प्रसिद्ध दार्शनिक डिलरायली ने लिखा है, ‘सीखना है तो महापुरुषों से, अपने आसपास के सफल आदमियों से सीखो, जीना सीखकर आप अपना कायाकल्प कर सकते हैं।’ कोई भी जन्म से ही सब कुछ सीख कर नहीं आता है, सब कुछ वह यहीं पर सीखता है उस पर अपने परिवार, समाज व आसपास के वातावरण का प्रभाव पड़ता है। उसका स्वभाव व चरित्र उसके अनुकूल बनता है। अगर स्वभाव कहीं हानिकारक बन गया है तो यह न समझें कि आप उसे बदल नहीं सकते केवल थोड़ा-सा परिश्रम और थोड़ा-सा स्वयं का स्वभाव बदल कर अपने जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन ला सकते हैं।
यदि सदा सुविधाएं बनी रहें तो युवक को किसी बड़े पुरुषार्थ की कभी आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी और उनकी प्रतिभा पलायन कर जाएगी। यदि आप अपनी प्रतिभा पर विश्वास रखें तो प्रतिकूलताओं को भी अनुकूल बनाने में आप सक्षम होंगे।
कोई भी काम करने के लिए हमें अपने आस-पास के माहौल को देखकर प्रेरणा मिल सकती है। हो सकता है किसी के साथ घटी घटना आपको कुछ नया करने की प्रेरणा दे जाए, या समाचार पत्र में प्रकाशित कोई स्टोरी आप की जिंदगी में नई ऊर्जा ले आए। इसके लिए सकारात्मक बने रहना और दिमाग को खुला रखना ज़रुरी है।
स्कूल-काॅलेज में प्रयोगशालाओं का पूरा उपयोग करना चाहिए। कई बार इन्हें स्तरहीन कहकर छात्र नज़रअंदाज़ करते हैं, जबकि सीखने वाले छात्रों के लिए वह छोटी प्रयोगशाला भी एक बहुत बड़ा संसाधन हो सकती है। काम शुरु करने से पहले दूसरों के अनुभव जानें। इससे संसाधन बचेंगे ओर समय भी। आशानुकूल परिणाम नहीं मिलने पर धैर्य न खोएं। अगर आप का मंतव्य अच्छा है और आपने पर्याप्त श्रम किया है, तो आप विफल नहीं होंगे।
यदि सदा सुविधाएं बनी रहें तो युवक को किसी बड़े पुरुषार्थ की कभी आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी और उनकी प्रतिभा पलायन कर जाएगी। यदि आप अपनी प्रतिभा पर विश्वास रखें तो प्रतिकूलताओं को भी अनुकूल बनाने में आप सक्षम होंगे।
कोई भी काम करने के लिए हमें अपने आस-पास के माहौल को देखकर प्रेरणा मिल सकती है। हो सकता है किसी के साथ घटी घटना आपको कुछ नया करने की प्रेरणा दे जाए, या समाचार पत्र में प्रकाशित कोई स्टोरी आप की जिंदगी में नई ऊर्जा ले आए। इसके लिए सकारात्मक बने रहना और दिमाग को खुला रखना ज़रुरी है।
स्कूल-काॅलेज में प्रयोगशालाओं का पूरा उपयोग करना चाहिए। कई बार इन्हें स्तरहीन कहकर छात्र नज़रअंदाज़ करते हैं, जबकि सीखने वाले छात्रों के लिए वह छोटी प्रयोगशाला भी एक बहुत बड़ा संसाधन हो सकती है। काम शुरु करने से पहले दूसरों के अनुभव जानें। इससे संसाधन बचेंगे ओर समय भी। आशानुकूल परिणाम नहीं मिलने पर धैर्य न खोएं। अगर आप का मंतव्य अच्छा है और आपने पर्याप्त श्रम किया है, तो आप विफल नहीं होंगे।
सफल व्यक्ति की सफलता का रहस्य
Reviewed by Lancers
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June 21, 2018
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