क्षमता, कुशलता और साहस के बावजूद कई लोग जीवन में इसलिए असफल हो जाते हैं, क्योंकि वे अपनी ऊर्जा को लक्ष्य पर केन्द्रित नहीं कर पाते।
एक व्यक्ति था, वो बहुत मशहूर था। बहुत इज्जतदार था। एक आदमी उसके सामने आकर गंदी-गंदी गालियां बकने लगा, लेकिन वह व्यक्ति फिर भी मुस्कराता रहा और आगे बढ़ता रहता है। वो आदमी गालियां बंद नहीं करता और वो बार-बार गालियाँ देता है। जब उस व्यक्ति की मुस्कराहट कम नहीं होती तो उस आदमी को और गुस्सा आता है। उसे माता-पिता तक की गालियाँ देना शुरू कर देता है, वो फिर भी मुस्कुराता रहता है। इतनी भद्दी-भद्दी और गंदी-गंदी गालियां सुनने के बाद भी वह व्यक्ति मुस्कुराता रहता है। वह आदमी उस रास्ते को छोड़ देता है और मुस्कुराता हुआ आगे बढ़ता चला जाता है। उस व्यक्ति के साथ उसका मित्र भी था, वो कहता है कि ये तुमने क्या किया? उस आदमी ने तुम्हें इतनी भद्दी-भद्दी गालियां दीं। फिर भी मुस्कुराते रहे, तुमने उसे कुछ बोला नही ंतो वह व्यक्ति अपने मित्र से बोला-चलो तुम मेरे साथ चलो। थोड़ा आगे चलते हैं, वे अपने घर जाते हैं और वह व्यक्ति अपने मित्र को घर के बाहर खड़ा करके बोलता है-मैं घर में जाकर आता हँू। वह व्यक्ति घर से गंदे-मैले-कुचैले वस्त्र निकाल कर लाता है और मित्र को कहता है कि लो इनको पहन लो। तो मित्र ने कहा-इन्हें कैसे पहन सकता हँू , इनमें से तो बदबू आ रही है और फटे-पुराने हैं। वह मित्र उन्हें फेंक देता है तो व्यक्ति कहता है कि तुम जिस तरह मैले-कुचैले, गंदे वस्त्र नहीं पहन सकते हो, वैसे ही मैं भी उन मैली-कुचैली गालियां को अपने जीवन में आने ही नहीं देता हूँ। मैं अपने जीवन में अच्छे वस्त्र त्यागकर मैले-कुचैले वस्त्र कैसे पहन सकता हूँ। मैं ऐसे अच्छे विचारों को त्यागकर गंदी बातों को अपने जीवन में कैसे अपना सकता हूँ। बंधूओं ! हम ध्यान रखें कि यदि कोई अपमान करे तो हमें ध्यान नहीं देना चाहिए।
सफलता के सूत्र अपनायें और बनें कामयाब।
1. किस्मत की बातें भूलें, करें इरादा पक्का।
2. अपनी असफलता से निराश न हों और ना ही रोना रोयें।
3. स्वच्छ, स्पष्ट और उच्च सोच के साथ करें हर काम।
4. हर उस आदमी और चीजों को अपनायें, जिसको आप पसन्द नहीं करते।
5. कृपाणता और हिसाब-किताब लगाना छोड़ दें, आप जीत जायेंगे।
एक व्यक्ति था, वो बहुत मशहूर था। बहुत इज्जतदार था। एक आदमी उसके सामने आकर गंदी-गंदी गालियां बकने लगा, लेकिन वह व्यक्ति फिर भी मुस्कराता रहा और आगे बढ़ता रहता है। वो आदमी गालियां बंद नहीं करता और वो बार-बार गालियाँ देता है। जब उस व्यक्ति की मुस्कराहट कम नहीं होती तो उस आदमी को और गुस्सा आता है। उसे माता-पिता तक की गालियाँ देना शुरू कर देता है, वो फिर भी मुस्कुराता रहता है। इतनी भद्दी-भद्दी और गंदी-गंदी गालियां सुनने के बाद भी वह व्यक्ति मुस्कुराता रहता है। वह आदमी उस रास्ते को छोड़ देता है और मुस्कुराता हुआ आगे बढ़ता चला जाता है। उस व्यक्ति के साथ उसका मित्र भी था, वो कहता है कि ये तुमने क्या किया? उस आदमी ने तुम्हें इतनी भद्दी-भद्दी गालियां दीं। फिर भी मुस्कुराते रहे, तुमने उसे कुछ बोला नही ंतो वह व्यक्ति अपने मित्र से बोला-चलो तुम मेरे साथ चलो। थोड़ा आगे चलते हैं, वे अपने घर जाते हैं और वह व्यक्ति अपने मित्र को घर के बाहर खड़ा करके बोलता है-मैं घर में जाकर आता हँू। वह व्यक्ति घर से गंदे-मैले-कुचैले वस्त्र निकाल कर लाता है और मित्र को कहता है कि लो इनको पहन लो। तो मित्र ने कहा-इन्हें कैसे पहन सकता हँू , इनमें से तो बदबू आ रही है और फटे-पुराने हैं। वह मित्र उन्हें फेंक देता है तो व्यक्ति कहता है कि तुम जिस तरह मैले-कुचैले, गंदे वस्त्र नहीं पहन सकते हो, वैसे ही मैं भी उन मैली-कुचैली गालियां को अपने जीवन में आने ही नहीं देता हूँ। मैं अपने जीवन में अच्छे वस्त्र त्यागकर मैले-कुचैले वस्त्र कैसे पहन सकता हूँ। मैं ऐसे अच्छे विचारों को त्यागकर गंदी बातों को अपने जीवन में कैसे अपना सकता हूँ। बंधूओं ! हम ध्यान रखें कि यदि कोई अपमान करे तो हमें ध्यान नहीं देना चाहिए।
सफलता के सूत्र अपनायें और बनें कामयाब।
1. किस्मत की बातें भूलें, करें इरादा पक्का।
2. अपनी असफलता से निराश न हों और ना ही रोना रोयें।
3. स्वच्छ, स्पष्ट और उच्च सोच के साथ करें हर काम।
4. हर उस आदमी और चीजों को अपनायें, जिसको आप पसन्द नहीं करते।
5. कृपाणता और हिसाब-किताब लगाना छोड़ दें, आप जीत जायेंगे।
केवल अच्छाई को अपनाएँ
Reviewed by Lancers
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June 22, 2018
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