
प्यारः खुशहाल बचपन की सबसे महत्वपूर्ण जरूरत है प्यार। वह दुनिया में बेशकीमती चीज है।
स्वभाव में प्यार: कुछ पैरेंट्स का नजरिया होता है कि बच्चे उनका नाम रोशन करेंगे या बुढ़ापे मेें मदद करेंगे. अगर ऐसा नहीं हो, तो वे खुद को ठगा हुआ, उपेक्षित और तिरस्कृत महसूस करते हैं. वे इस बात से क्षुब्ध रहते हैं कि उन्होंने तो बच्चे के लिए अपनी सामथ्र्य से ज्यादा किया और खूब प्यार दिया जबकि बच्चा अब अपनी जिम्मेदारी और उनकी उपेक्षाओं को पूरा करना भूल गया है लेकिन प्यार लेने-देने वाला सौदा नहीं हो सकता। माता-पिता के रूप में उन्हें बिना शर्त और बिना उपेक्षाओं के प्यार करना चाहिए. ऐसे प्यार के माहौल में बच्चा सुरक्षित महसूस करता है. जब भी वह अपनी खुशी या अपनी परेशानियां बांटना चाहे तो माता-पिता के खुले आलिंगन में लपक कर आ जाता है।
मिले प्यार तो बच्चे संवेदनशील
Reviewed by Lancers
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June 23, 2018
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