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मिराज क्या है ..?


मिराज क्या है ..?

मिराज भ्रम की एक अजीब घटना है। रेगिस्तान में एक अकेला यात्री, प्यास से लगभग मर रहा है, पानी की एक विस्तृत शीट देखता है। लेकिन हकीकत में वहां कोई पानी नहीं है, यह उसकी दृष्टि का एक धोका है - एक मिराज है। वह उस दिशा में आगे बढ़ता रहता है, लेकिन कुछ भी नहीं पाता और आखिरकार चरम शारीरिक और मानसिक दर्द में मर जाता है।

ईश्वर का अस्तित्व एक पूर्ण वास्तविकता है, जबकि दूसरी ओर उसकी अस्वीकृति, खुद में वास्तविकता नहीं है बल्कि इस पूर्ण वास्तविकता से इनकार है - एक मिराज है।

जो लोग इस तथ्य से इनकार करते हैं, उसके विरूद्ध विद्रोह करते हैं, और उसके चिन्हों को देखने से इंकार करते हैं, वे महासागर के गेहरे अंधेरों में हैं, अंधेरे में लहर, एक दूसरे के ऊपर, और उसपर घने अंधेरे बादल!

वास्तविकता की दुनिया में प्रकाश का सच्चा स्रोत अल्लाह है, और जो लोग इस प्रकाश से खुद को काटते हैं वे वास्तव में अंधेरे में हैं, क्योंकि यह केवल एकमात्र सच्ची रोशनी को अस्वीकार करते हैं।

उनके सभी कर्म एक मिराज द्वारा भ्रमित आदमी की तरह हैं। जिस सच्चाई को उन्होंने खारिज कर दिया वह हमेशा उनके साथ थी, लेकिन जो मिराज उन्होंने स्वीकार किया वह उनके विनाश का कारण बन जाएगा और फिर उनके पास कोई समय नहीं होगा के वह

फिर से विचार करें

जो लोग नास्तिकता करते हैं, उनके कर्म एक मरुस्थल में मिराज की तरह हैं। प्यासा व्यक्ति इसके पानी होने के बारे में सोचता है, जब तक कि वह उस तक नहीं आ जाता, वहां उसे कुछ भी नहीं मिलता; सिवाय अल्लाह के जो (हमेशा) उसके साथ था, वह उसे उसका उचित हिसाब किताब (नरक) देगा और अल्लाह हिसाब लेने में तेज़ है। या (अविश्वासी की स्थिति) एक विशाल गहरे महासागर में अंधेरे की तरह है, जो अंधेरी लहरों से घिरा हुआ है, लहरों पर लहर और उस पर अंधेरे बादल, अंधेरे पर अंधेरे की परतें: यदि कोई आदमी अपना हाथ फैलाता है, तो वह शायद ही कभी देख सके! जिसके लिए अल्लाह ने प्रकाश नियुक्त नहीं किया है, उसके लिए कोई प्रकाश नहीं है! (अल-कुरान सूर.24 आयात.39-40)

मिराज क्या है ..? मिराज क्या है ..? Reviewed by Lancers on June 09, 2018 Rating: 5
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