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बनाएं रखें रीढ़ की लचक

बनाएं रखें रीढ़ की लचक बैठने की गलत मुद्रा रीढ़ की हड्डी को बहुत भारी वजन उठाने की तुलना में अधिक प्रभावित करती है और हमारी आधे से ज्यादा जिंदगी बैठे हुए बीतती है। यदि हम लम्बे समय तक बैठे रहते हैं तो बैठने की सही मुद्रा का जानना - सीखना भी बेहद आवश्यक है। 
गलत बैठने के नुकसान: गर्दन और पीठ में दर्द
  1.  हड्डी के अन्दर की डिस्क हिल सकती है। रीढ़ की हड्डियों में मौजूद मुलायम जैली जैसे ढांचे को डिस्क कहा जाता है। इसके हिलने से रीढ़ पर दबाव पड़ता है, जिससे बैठने में असुविधा होती है।
  2. रीढ़ की हड्डी को लगातार सीधा रखने से कंधों, बाजुओें और पैरों में भी अकड़न आती है।
बैठने की सही मुद्रा
सही मुद्रा का मतलब बिलकुल अकड़कर सीधा बैठना नहीं है। रीढ़ की हड्डी में प्राकृतिक रुप से लचक यानी घुमाव होता है। बैठने की सही मुद्रा के समय रीढ़ ऊपर की ओर लम्बी होती है, साथ में प्राकृतिक लचक भी बनी रहती है। सही मुद्रा में रीढ़ के ऊपरी हिस्से पर सिर का संतुलन सही रहता है। सही ढंग सं बैठते समय रीढ़ की हड्डी 5 डिग्री पर झुकी होती है।
कुर्सी पर बैठते समय
  1. ऐसी कुर्सी पर बैठें जो जमीन से बिलकुल समानान्तर या जमीन की ओर थोड़ी सी झुकी हुई हो। ऐसी स्थिति में घुटने कूल्हे के बिल्कुल समानान्तर होते है या थोडे़ से ऊंचे होते है।
  2. बैठते समय कूल्हा घुटने से नीचे नहीं होना चाहिए।
  3. कुर्सी के मध्य हिस्से में बैठे। आपके पैरों के बीच का अंतराल आपकी जांघ की लंबाई के बराबर होना चाहिए।
  4. बैठते समय आपकी मुद्रा यानी धड़ और जांघ के बीच 90 डिग्री या उससे अधिक का कोण होना चाहिए इससे घुटने के जोड़ के बिल्कुल नीचे के सीध में आपके पैर होंगे। 
  5. आपने कंधों और गर्दन को आराम दें, बैठते समय यह भावना से बैठें जैसे आप आराम कर रहे हैं।
कैसी हो कुर्सी
  1. बिना पहिए वाली स्थिर कुर्सी पर बैठें। इससे आप समय - समय पर अपने पैर जमीन पर रख सकेंगे।
  2. संभव हो तो पीछे की कुर्सी सीधी की बैकशीट होनी चाहिए,यदि कुर्सी की सीट पीछे की ओर झुकी होती है तो कूल्हे की स्थिरता घुटने से समानांतर न होकर नीचे की ओर हो जाती है।
क्यों जरुरी है रीढ की लचक
रीढ़ को हमेशा अकड़ाकर नहीं रखना चाहिए। रीढ़ की लचक के कारण ही बाजुओं के ऊपरी भाग और पैरों के निचले हिस्से में आराम रहता है। इस लचक के प्रभावित होने से पैरों और बाजुओं की लचक भी कम हो जाती है। इससे कंधों और पीठ के निचले हिस्सों में दर्द होने लगता है।
बनाएं रखें रीढ़ की लचक बनाएं रखें रीढ़ की लचक Reviewed by Lancers on July 03, 2018 Rating: 5
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