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डिमेंशिया - आदत नहीं, बीमारी है

आपको अपने आसपास ऐसे लोग मिल जाएंगे, जो बात - बात पर कहते हैं कि अरे यार मैं। उसका नाम भूल गया, मुझे उसका नम्बर याद नहीं आ रहा, पता नहीं मैंने अपनी गाड़ी की चाबी कहां रख दी। कभी रात को सोते हुए पत्नी सोचने लगती है कि मैंने गैस बंद की है या नहीं, घर की कूंडी ठीक तरह से लगाई है या नहीं अगर आप भी किसी ऐसी ही प्रोब्लम को फेस कर रहें है तो समझ लीजिए कि असमय डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) बीमारी से ग्रस्त हैं।
डिमेंशिया - आदत नहीं, बीमारी है
आज पूरी दुनिया में लगभग 3 करोड़ 70 लाख लोग डिमेंशिया के शिकार हैं। इस बीमारी से प्रभावित लोगों में से दो - तिहाई विकासशील देशों में है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में डिमेंशिया के मरीजों की संख्या 37 लाख है और 2030 तक यह संख्या दोगुनी हो सकती है।
डिमेंशिया आमतौर पर 65 साल से अधिक के लोगों को ही होती है लेकिन यह 30 से 40 साल के उम्र के लोगों को भी हो सकती है। हालांकि शुरुआत में इसके लक्षणों को पहचानना मुश्किल होता है। लेकिन दवाओं से समय रहते इस पर काबू पाया जा सकता है।
डिमेंशिया के कारण
तनाव इस बीमारी को में बड़ी भूमिका निभाता है। इसके अलावा एल्कोहल और धुम्रपान भी इस बीमारी के बड़े कारण हैं। अल्जाइमर रोग, अनिद्रा, डीहाईडेªशन, डायबिटीज, ब्लडप्रेशर, हाई कोलेस्ट्रांल, मोटापा, सिर की चोट, ब्रेन स्ट्रोक या ट्यूमर, एनीमिया व नशे की लत डिमेंशिया रोग के प्रमुख कारण हैं। ,
डिमेंशिया के लक्षण
छोटी- छोटी बातें भूल जाना, छोटी - छोटी चीजें जैसे चाबीयां , रिमोट, गैस पर दूध इत्यादि रखकर भूल जाना,घर का नम्बर या रास्ता भूल जाना, बार - बार एक ही बात को दोहराना,पैसे की गिनती करते - करते भूल जाना, चीजों को लेकर हमेशा कंफ्यूज रहना , चीजों को लेकर सही जगह पर न रखना, नींद न आना, भूख का ध्यान न रहना, खाना रख्कर भूल जाना , अपना फोन नम्बर , अपने पहचान के लोगों इत्यादि को भूल जाना इस बीमारी के लक्षण हैं।
याददाश्त बढ़ाने के उपाय
 खाना खाने से कुछ देर पहले एक सेव खाएं।
 चुकंदर का रस दिन में दो बार लें और सकारात्मक सोच रखें।
 हाथों की बीच की अंगुलियों पर मालिश करें।
 भूली -पुरानी बातों को याद करने की कोशिश करें
 पहेलियों के हल खोजने का अभ्यास करें

सावघानियां
 इस प्रवृत्ति के लोगों को घर से अकेले नहीं निकलना चाहिए।
 ऐसे लोगो से बहस न करें।
 रोगी अकेलापन या बीमार महसूस न करें इसका खास ध्यान रखें।
 रोगी के पास घर का पता, नाम, फोन नम्बर इत्यादि हमेशा रखें।
 रोगी से बातचीत करते रहें और उसे दिनभर व्यस्त रखें।
 शतरंज, लुढो व ट्रेड खेल खेलने को प्रेरित करें और उसके साथ समय दें।
बचने के उपाय
नियमित व्यायाम से बुजुर्गों की याददाश्त बढ़ सकती हैं। वे भूलने की बीमारी के शिकार होने से भी बच सकते हैं। हल्दी के औषधीय गुणो में इस बीमारी से निजात दिलाने की ताकत है। अंगूर भी लाभकारी है। खान- पान पर विशेष ध्यान दें। ग्रीन टी, टमाटर इत्यादि को अपने खानपान में शामिल करें। सुबह नाश्ता अवश्य करें। अंकुरित अनाज ड्राईफ्रूट अवश्य लें। प्रतिदिन थोड़़ी मात्रा में अखरोट का सेवन करें। शहद को हर रोज किसी न किसी रुप में लें।
डिमेंशिया - आदत नहीं, बीमारी है डिमेंशिया - आदत नहीं, बीमारी है Reviewed by Lancers on July 04, 2018 Rating: 5
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